Tuesday, January 25, 2011

छोटे छोटे हाथों का वो स्पर्श

वो हर पल लग जाना गले से ,

वो फुदकती हुई ,इठलाती हुई

चलने की अदा

वो उज्वल आँखें ,ऊर्जा से भरी सदा ,

वो मखमली गालों पे छोटी सी हँसी

पाने के लिए सिर्फ एक मीठी गोली ,

वो नींद में पुकारना माँ -माँ

वो लहराता ,हसता बचपन

वो बढ़ते सपनों की छुअन

वो ललक बड़े होने की बड़ी ,

मेरे गोद में संवरता यूँ जैसे पवन

वो मेरे और उसके दिल का स्पंदन ,

ये मेरे लाडले-लाडली की है उपवन

बड़े अनमोल हैं ये जल और जलज का सम्बन्ध ..


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